उत्तर प्रदेश
मड़ावरा-मनरेगा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर खंड विकास अधिकारी मड़ावरा को सौपा ज्ञापन।
जाकिर मंसूरी

ललितपुर बुधवार को मनरेगा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर खंड विकास अधिकारी मड़ावरा को सौपा ज्ञापन।जिसमें बताया गया कि अखिल भारतीय मनरेगा कर्मचारी महासंघ नई दिल्ली के द्वारा मनरेगा कर्मियों के हित में बार-बार सरकार के समक्ष उनकी मांगों को पूरा करने के लिये आग्रह किया जा रहा है,और ज्ञापन भी दिया जा रहा है।लेकिन इस पर सरकार और विभाग के द्वारा किसी भी प्रकार से कोई विचार न किये जाने से सभी मनरेगा कर्मियों में घोर निराशा एबं दुःख व्याप्त है।आपको बतादे कि विगत 27 जुलाई 2020 से झारखंड के मनरेगा कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सेवा समाप्ति की धमकी देकर हड़ताल तुड़वाने के लिये बाध्य कर रहे है,जो कि अन्यायपूर्ण है।बही मनरेगा कर्मियों ने बताया कि कोबिड-19 जैसी बेश्विक महामारी में मनरेगा कर्मियों द्वारा बिना किसी सुरक्षा के जीवन दाव पर लगाकर निरंतर मनरेगा कार्यों कार्यावन्तित करने का कार्य किया जा रहा है।जिससे हमारे कई मनरेगा कर्मी कोरोना की चपेट में भी आ गये है।ऐसे में मनरेगा कर्मियों की बाजिब मांगे पूरी करने के लिये दंडात्मक कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है,जो कि शर्मनाक है।इसलिये महासंघ द्वारा निर्णय लिया गया कि सांकेतिक रूप से अपनी मांगों के समर्थन में मनरेगा कर्मियों द्वारा सम्पूर्ण देश में 26 अगस्त 2020 से 27 अगस्त 2020 तक दो दिवसीय सामूहिक अवकाश किया जाय।मनरेगा कर्मियों की प्रमुख मांगे बर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे मनरेगा कर्मियों को सरकारी सेवक घोषित किया जाय एबं केंद्र या राज्यों के समकक्ष पदों पर समायोजित करने के लिये प्रावधान बनाते हुए गाइड लाइन जारी की जाय।
सरकारी कर्मचारी घोषित किये जाने तक तत्काल प्रभाव से कन्टीनजेन्सी मद से मानदेय की बजाय बेतन कोष का गठन कर मनरेगा में कार्य करने हेतु आदेश दिया जाय।क्योंकि कन्टीनजेन्सी आधारित बेतन केवल छलावा मात्र है,जब 60 हजार रुपये का मनरेगा मद में आवंटन था,तब जितना बेतन नियत किया गया था।अब जब आवंटन 1 करोड़ रुपये का हो गया है,फिर भी मनरेगा कर्मियों के बेतन में कोई बृद्धि नही कि गयी है।
मनरेगा कर्मियों को केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं में क्रियान्वन में योगदान दिया जाय।पूरे देश में मनरेगा कर्मचारियों को उनके पदों के अनुसार समान कार्य समान वेतन के आधार पर एक समान वेतन दिया जाय।अभी कई राज्यो में अलग-अलग मानदेय निर्धारित है,जबकि सभी मनरेगा के एक ही एक्ट ही एक्ट के अंतर्गत ही काम कर रहे है।
मनरेगा कर्मियों को सेवा पुस्तिका दी जाय,इसके लिये आदेश जारी किया जाय।
मनरेगा कर्मियों को स्थायी पदों के समान स्वास्थ्य बीमा,दुर्घटना,मुआवजा,ईपीएफ अनुकंपा के आधार पर नोकरी में विभिन्न प्रकार के भत्ता जैसे महंगाई,यात्रा भत्ता आदि की सुविधा दी जाय।
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी परिषद में महासंघ के प्रतिनिधियों को सदस्य के रुप में मनोनीत किया जाय,ताकि वह अपनी बातों को सही जगह पर सही रुप से रख सके।
मनरेगा मजदूरों की मजदूरी को महगाई के अनुसार संसोधित किया जाय,अभी वर्तमान बाजार में दैनिक मजदूरी 300 से 400 रुपये हो गयी है,लेकिन मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बाजार दर से काफी कम है।ज्ञापन देने में एपीओ मनरेगा हृदेश कुमार,जेई मनरेगा नसीर खान,लखनलाल आर्य,मुकेश जैन,बानसिंह,परशुराम कोरी,गजराज आर्या,ग्राम रोजगार सेवक करन सिंह,मुकुंद सिंह,भगीरथ आदि मनरेगा कर्मचारियों के हस्तक्षर अंकित बताये गये है।